
हार्दिक पण्ड्या की जीवनी (परिवार, शिक्षा, निवल मूल्य, गाड़ियाँ, पत्नी, घर और क्रिकेट की शुरुआत) | Hardik Pandya Biography (Family, education, struggle, cricket career, Cars, house, wife and net worth)
दोस्तों अपने क्रिकेट के स्टार हार्दिक पण्ड्या के बारे में तो सुना हि होगा ऐसा हो ही नही सकता की अपने इनके बारे में सुना ना हो। अगर आप भी क्रिकेट के फ़ैन हो तो आप इन्हें जानते ही होगे। हार्दिक पण्ड्या इंडियन टीम के ऑल राउंडर खिलाड़ी है और यह अपनी खूंखार गेंदबाज के लिए प्रसिद्ध है। आईसीसी वर्ल्ड T20 2016 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ आख़िरी ओवर में इनका प्रदर्शन देखने लायक़ था। इसी मैच के बाद यह क्रिकेट फ़ैन की नज़रों ने आए और हार्दिक ने सबका दिल जीत लिया। तो आइए जानती है इनका सफ़र बचपन से क्रिकेट तक और कितनी मुसीबतों के बाद कैसे बने यह एक सफल खिलाड़ी।
आज के इस लेख (Article) में हम जाने गे “हार्दिक पण्ड्या की जीवनी” के बारे में।
Table of Contents
हार्दिक पण्ड्या की जीवनी | Hardik Pandya Biography in Hindi
नाम | हार्दिक पण्ड्या |
जन्म | 11 अक्टूबर 1993 |
पिता | हिमांशु पण्ड्या |
माता | नलिनी पण्ड्या |
पत्नी | नताशा स्टेनकोविक |
बच्चे | अगस्त्या |
पेशा | क्रिक्केटेर |
निवल मूल्य | 30 करोड़ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
हार्दिक पण्ड्या का प्रारंभिक जीवन (Early life)
हार्दिक का जन्म 11 अक्टूबर 1993 को एक मिडल क्लास परिवार गुजरात के सूरत शरह में हुआ था। यह अपने माता पिता की दूसरी संतान थी। इनके परिवार में इनकी माता नलिनी पण्ड्या और पिता हिमांशु पण्ड्या और एक बड़ा भाई करनाल कृणाल पण्ड्या है। हार्दिक और उसके बड़े भाई दोनो को ही बचपन से क्रिकेट खेलने का शोक था। हार्दिक का तो पढ़ाई में बिलकुल भी मन नही लगता था।
हार्दिक स्कूल से आते ही गली क्रिकेट खेलने चले जाते थे और फिर शाम को ही घर लोटते थे। स्कूल से हर रोज़ हार्दिक की कोई ने कोई शिकायत आती रहती थी लेकिन इनके पिता को अपने बच्चों पर विश्वास था कि वो एक दिन बड़े आदमी बने गे। इसलिए वो स्कूल की शिकायतों पर कोई ख़ास ध्यान नही देते थे। हार्दिक के पिता सूरत में ही कार फ़ाइनैन्स का कारोबार करते थे और माँ घर सम्भालती थी। माँ के लाख समझाने पर भी दोनो भाई नही माने पढ़ने के लिए और क्रिकेट पर ध्यान देते रहे। हार्दिक 9वी कक्षा में फैल होगे और उन्होंने क्रिकेट अकैडमी में जाने का सोचा।
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हार्दिक पण्ड्या की क्रिकेट की शुरुआत (Cricket Career)
हार्दिक के पिता को भी क्रिकेट पसंद था इसलिए वो भी चाहते थे कि उनके दोनो बच्चे क्रिक्केटेर बने और बच्चों के सपनो को पूरा करने के लिए पिता ने अपना जमा जमाया कारोबार छोड़ कर सूरत से वडोदरा आ गए और किराए के मकान में रहने लगे। वडोदरा आने के बाद हार्दिक और उसके भाई ने किरण मोरे की क्रिकेट अकैडमी में करा दिया। किरण मोरे ने पहले दोनो बच्चों को लेने से मना कर दिया था लेकिन जब इनके पिता के कहने पर किरण मोरे ने दोनो को खेलता देखा तो वो इनसे प्रभावित हो गए और 3 साल फ़्री टरनिंग देने का फैसला किया।
हार्दिक जून्यर क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे इनके भाई के हिसाब से हार्दिक ही बहुत मैच को अपने बल बूते से जीत रहे थे। बच्चों की किसी तरह की दिक़्क़त ना हो तो हिमांशु पण्ड्या हार्दिक के दोस्तों को उन्हें घर तक छोड़ने के लिए कहते थे लेकिन हार्दिक और उनके भाई नही चाहते थे की बाद में उनको कोई बोले कि उनकी सफलता में किसी ने उनकी मदद करी थी। हिमांशु पण्ड्या ने बच्चों की ख़ुशी को देखते हुए 10 हज़ार की किस्त पर एक गाड़ी ख़रीद ली जिससे उनके बच्चे आराम से आ जा सके।
सब कुछ सही जा रहाँ था और इसी बीच हार्दिक के पिता को लगातार 2 हार्ट अटैक आ गए जिसके उनके लिए कोई भी काम करना मुश्किल हो गया। पिता के इलाज पर पैसे खर्च होने के कारण धीरे धीरे घर पर पैसों की कमी होने लगी और एक ऐसा समय आ गया जब हार्दिक के पास गाड़ी के किस्त के भी पैसे नही रह। दोनो भाई पैसे कमाने के लिए लोकल क्रिकेट टीम में खेलने लगे। दोनो ट्रेन में जाते और ट्रक के पीछे लटक के आते। पूरे दिन में 400-500₹ के लिए। हार्दिक बताते है कि उन्होंने ऐसा समय भी देखा है जब उनके पास खाने के भी पैसे नही थे।
हार्दिक अपना पूरा दिन स्टेडीयम के ग्राउंड पर बिताते और मैगी खा कर काम चलाते। बहुत कम लोगों को पता है की 18 साल की उम्र तक हार्दिक एक लेग स्पिनर थे लेकिन वडोदरा की तरफ़ से खेलते समय एक मैच में तेज गेंदबाज़ की कमी थी और इनके कोच ने हार्दिक को खेलने के लिए कहाँ और उस दिन के बाद हार्दिक ने अपने आप को एक तेज गेंदबाज़ की तरह डालना शुरू कर दिया।
हार्दिक को अपने काले रंग के कारण भी बहुत चीजें सहन करनी पड़ी लेकिन उन्होंने हमेशा अपने काम पर ज़्यादा ध्यान दिया और लोग क्या सोचते है उसे अनदेखा कर दिया।
साल 2014 की विजय हज़ारी ट्रोफ़ी के दौरान हार्दिक के पास खेलने के लिए बैट नही था और फिर इनके टीम मेट इरफ़ान पटान ने उन्हें दो बैट दिए। जिन्हें आज भी हार्दिक अपने पास रखते है।
इसी साल एक डमेस्टिक मैच के दौरान हार्दिक पण्ड्या ने ज़हीर खान और दवाल कुलकरनी जैसे गेंदबाज़ो के ख़िलाफ़ खेलते हुए 57 गेंदो में 82 रन बनाए थे। यहाँ से हार्दिक के लिए सब कुछ बदल गया इसकी मैच के बाद हार्दिक को अगले आईपीएल के लिए 10 लाख बेस प्राइस पर ले लिया गया।
अपने पहले आईपीएल मैच में चेन्नई सूपर किंग्स के ख़िलाफ़ 8 गंदो में 21 रन और कोलकाता नाइट राइडर्ज़ के ख़िलाफ़ 31 गेंदो में 61 रनो के प्रदर्शन ने हार्दिक पण्ड्या को एक स्टार बना दिया। मुंबई इंडीयन दूसरी बार आईपीएल जीता और इसी समय सचिन ने हार्दिक को कहाँ की तुम अगले 1 साल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलो गे।
23 मार्च 2016 का दिन हार्दिक पण्ड्या के अंतर्राष्ट्रीय करीर में अलग स्थान रखता है। T20 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ मैच को जीतते समय हार्दिक ने जो प्रदर्शन दिखाया वो आज भी सभी को अच्छे से याद है।
अक्टूबर 2016 में हार्दिक ने अपना 1 डे डेबु न्न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ किया और अपने पहले मैच में मैन ओफ़ थे मैच का भी अवार्ड लिया।
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हार्दिक पण्ड्या का व्यक्तिगत जीवन (Personal life)
हार्दिक ने नए साल के दिन 1 जनवरी 2020 को नताशा स्टेनकोविक से एंगगमेंट करी थी। यह समय कोविड का था तो दोनो ने लाक्डाउन में ही शादी कर लि थी। नताशा एक ऐक्ट्रेस है जिन्होंने सत्याग्रह फ़िल्म में काम कर रखा है और इन्होंने बिग बोस और नच बलिय में भी भाग ले रखा है। हार्दिक और नताशा को एक बच्चा भी हुआ है जिसका नाम अगस्त्या है यह एक लड़का है और जुलाई 2020 लाक्डाउन के समय जन्म लिया था।
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हार्दिक पण्ड्या की निवल मूल्य (Net worth)
हार्दिक की नेट वर्थ 30 करोड़ है। इनके पास महेंगे घर से लेकर महेंगी गड्डियाँ भी है। गड्डियों की बात करे तो इनके पास रोल्ज़ रॉस, आउडी, रेंज रोवर, जीप कम्पस, मर्सेडीज़, लंबोरघिनी जैसी महेंगी गड्डियाँ है।
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