दुर्लभ कश्यप की जीवनी,स्टोरी, गैंगस्टर, मित्यु, सोशल मीडिया, लड़ाई, परिवार, नेट वर्थ | Durlabh Kashyap Biography in Hindi (Story, Gangwar, Death, Social Media, Fights, Interesting facts, Net Worth)
दुर्लभ कश्यप एक ऐसा नाम हैं जो कुछ समय पहले मध्य प्रदेश और भारत की अपराध की दुनिया में एक बहुत बड़ा नाम था। यह एक गैंगस्टर था जो की सोश्यल मीडिया पर अक्सर हथियारों के साथ अपनी फोटो डालता था। इसकी दहशत बढ़ती ही जा रही थी लेकिन अपराध की दुनिया में दुर्लभ ज़्यादा दिन नहीं जी सका और इसकी बहुत दर्दनाक हत्या कर दी गई।
दुर्लभ कश्यप कौन हैं (Who is Durlabh Kashyap)
दुर्लभ कश्यप एक गैंगस्टर था। इन्हें प्रसिद्ध होना था इसलिए इसने 18 साल से कम उम्र में ही जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया था। यह महज़ 18 साल की उम्र में ही गैंगस्टर बन गया था और 9 से भी अधिक केस इनपर दर्ज थे। दुर्लभ को “किंग ऑफ़ बेवार” के नाम से भी जाना जाता था।
दुर्लभ कश्यप का जीवन परिचय (Introduction)
नाम | दुर्लभ कश्यप |
उपनाम | किंग ऑफ़ बेवार |
पेशा | गैंगस्टर |
जाना जाता है | सोश्यल मीडिया और जुर्म के लिए |
दुर्लभ कश्यप का व्यक्तिगत जीवन (Personal life)
दुर्लभ कश्यप का जन्म 8 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था।यह एक बहुत ही साधारण परिवार से था।
जन्म तिथि | 8 नवंबर 2000 |
जन्म स्थान | उज्जैन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पुलिस केस | 9 से भी अधिक |
जुर्म की शुरुआत | 18 साल की उम्र से |
दुर्लभ कश्यप का परिवार (Family)
दुर्लभ कश्यप के पिता जीवाजीगंज के अब्दालपुरा निवासी मनोज कश्यप थे। इनकी माता क्षीरसागर क्षेत्र पूर्व स्कूल अध्यापिका थी। इनके माता-पिता का विवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा था। यह अपने माता-पिता के एक लोते पुत्र थे।
पिता | मनोज कश्यप |
माता | अज्ञात |
दुर्लभ कश्यप की कहानी (Story)
दुर्लभ कश्यप उज्जैन के ही किसी local स्कूल से पढ़ाई कर रहे थे परंतु यह दसवीं कक्षा में फ़ेल हो गया और वहाँ से ही इसकी ज़िंदगी ने एक अलग मोड़ ले लिया।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में हर गणतंत्र दिवस पर बाइक रैली होती थी जिसमें खाने और डीजे का इंतज़ाम भी होता था और इस बार यह कार्य दुर्लभ सँभाल रहा था जिसकी वजह उसका नाम और फोटो भी पोस्टर में लगाया गया था। तब से दुर्लभ ही को प्रसिद्ध होने का शोक चढा और यहाँ से यह गैंगस्टर को जानने लगे।
फ़रवरी 2017 में दुर्लभ पर पहला केस लगा जिसमें इनकी लड़ाई किसी पार्किंग कॉंट्रैक्ट पर हुई। जिसके बाद दुर्लभ का संपर्क डागर परिवार के राहुल गैलोसिया से हुआ। राहुल को अपने साथ काम करने के लिए लड़कों की ज़रूरत थी और दुर्लभ के साथ ऐसे लड़के थे। जिसके बाद दुर्लभ और बाक़ी लड़कों के लिए उन्होंने शहर के बहार एक फ़ार्म हाऊस दे दिया जहाँ लड़के आते और नशे में धुत्त पड़े रहते।
जनवरी 2018 में डागर परिवार के लड़कों की लड़ाई डाक परिवार के लड़कों से हो गई और इस बीच उनके एक लड़के की मृत्यु हो गयी।
वर्ष 2018 के चुनाव का समय था शांति बनाए रखने के लिए उज्जैन के एसपी सचिन अतुलकर ने सभी अपराधियों को गिरफ़्तार करके मीडिया की कान्फ्रेंस के सामने पेश किया। जब एक पत्रकार ने सवाल किया की दुर्लभ कौन हैं तो एसपी ने बोला वह ख़ुद बताएगा तभी पीछे से फटे कपड़ों में दुर्लभ ने हाथ उठाया। इसके हाथ उठाने के तरीक़े की वजह से यह वायरल हो गया और लोग इसे जानने लगे।
पहले इसे जबलपुर जेल में रखा गया लेकिन नाबालिग होने की वजह से दुर्लभ और राज को बाल सुधार गृह में भेज दिया गया।
दुर्लभ कश्यप की मृत्यु (Death)
कोरोना के समय दुर्लभ जेल से छूट जाता हैं जिसके बाद वह इंदौर में अपने दोस्तों के साथ किराये के एक फ़्लैट पर रहता हैं। एक दिन दुर्लभ अपने दोस्तों को अपने घर खाने पर बुलाता हैं। खाना खाने के बाद उसके एक दोस्त को सिक्रेक्ट पीने का मन करता हैं जिसके लिए वो सब हेलावाड़ी की तरफ़ एक चाय की दुकान पर चले जाते हैं। जब दुर्लभ वहाँ पहुँचता हैं तो वहाँ पर पहले से ही शाहनवाज (के के सी गैंग) मौजूद होती हैं इन दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो जाती हैं और 6 सितंबर 2020 को वह दुर्लभ की हत्या कर देते हैं। जब वहाँ पुलिस पहुँचती है तो दुर्लभ की लाश को अर्ध नग्न रूप में पाती हैं और दुर्लभ के शरीर पर चाकू के 30 निशान होते हैं।
दुर्लभ की शव यात्रा लाइव निकली जाती हैं और बहुत वायरल होती हैं।
दुर्लभ कश्यप सोशल मीडिया ट्रेंडिंग (Social Media Trending)
दुर्लभ कश्यप को फोटो निकलवाने का काफ़ी शौक़ था। यह सोश्यल मीडिया का पूरा इस्तेमाल करता था। यहाँ तक की वह सोश्यल मीडिया (फ़ेसबुक) पर ही रंगदारी और सुपारी लेता था। यह रंगदारी, हफ़्ता वसूली और लूट पाट जैसे जुर्म को अंजाम देता था।
दुर्लभ कश्यप की गैंग की ख़ास पहचान थी माथे पर लाल टीका, आँखों में सूरमा और कंधे पर गमछा रखते थे। दुर्लभ सोश्यल मीडिया पर अपने हथियारों के साथ फोटो डालता जिसे देखकर युवा जल्दी ही उससे आकर्षित हो जाते और उसकी गैंग में जुड़ जाते थे।