Swami Vivekananda Biography in Hindi | स्वामी विवेकानंद की जीवनी & Swami Vivekananda Quotes

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(Photo Credit: Representative Image)

स्वामी विवेकानंद एक हिंदू साधु (Monk) और दार्शनिक (Philosopher) थे। यह ऐसे इंसान थे जिन्होंने देश में ग़रीबी और भेद भाव को कम करा। इन्होंने जो भारत देश के लिए करा वो अविस्मरणीय है। आज भी यह करोड़ों भारतीयों के दिलों में बस्ते है और इनका जीवन बहुत ही प्रेरणा दायक है। आइये जानने स्वामी विवेकानंद के जीवन परिचय के बारे में | Swami Vivekananda biography in Hindi

Swami Vivekananda biography in Hindi | स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय

नाम स्वामी विवेकानंद
जन्म 12 जनवरी 1863
मृत्यु 4 जुलाई, 1902 (39)
शिक्षा स्कॉटिश चर्च कॉलेज (Scottish Church College)
विद्यासागर कॉलेज (Vidyasagar College)
कलकत्ता विश्वविद्यालय (University of Calcutta)
परिवार पिता- विश्वनाथ दत्ता
माता- भुवनेश्वरी देवी
गुरु रामकृष्ण:
धर्महिन्दू धर्म
संस्थापकरामकृष्ण मिशन (1897), रामकृष्ण मठ, वेदांत सोसाइटी ऑफ न्यूयॉर्क

Swami Vivekananda Age, Guru, Education and Family

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863, मकर संक्रांति के दिन बंगाल में हुआ था। इनके माता पिता ने बचपन में इनका नाम नरेंद्रनाथ (Narendranath) रखा था और सब इनको नरेन बुलाते थे।

बचपन से ही यह बहुत तेज और बाक़ी बच्चों से अलग थे। यह हमेशा पूछते थे की हिंदू-मुस्लिम में भेद भाव क्यों करा जाता है और इसकी प्रकार के अन्य प्रशन यह पूछा करते थे।

Swami Vivekananda family | स्वामी विवेकानंद का परिवार

विवेकानंद का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था। इनका परिवार बहुत ही अच्छा था और सारे व्यक्ति पढ़े लिखे थे। परिवार के सभी लोग हमेशा सबकी मदद करते थे और बहुत सारे लोग इनके परिवार को जानते थे व पसंद भी करते थे।

विवेकानंद की माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। यह एक धार्मिक महिला थी। विवेकानंद के पिता का नाम विश्वनाथ दत्ता था और यह कलकत्ता हाई कोर्ट (High Court) में वकील थे।

Swami Vivekananda Education | स्वामी विवेकानंद की पढ़ाई

स्वामी विवेकानंद पढ़ाई में बहुत ही होशियार और बुद्धिमान थे। इन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज (Scottish Church College), विद्यासागर कॉलेज (Vidyasagar College), कलकत्ता विश्वविद्यालय (University of Calcutta), प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय (Presidency University) से पढ़ाई की हुई है।

बुद्धिमान होने के कारण यह हमेशा प्रथम श्रेणी से पास होते। इन्हें किताबों से बहुत लगाओ था इसलिए यह हमेशा लाइब्रेरी की सारी किताबों को पड़ देते थे। समय के साथ-साथ इन्हें हर एक क्षेत्र का अच्छा ख़ासा ज्ञान हो गया था।

Swami Vivekananda Guru | स्वामी विवेकानंद के गुरु

स्वामी विवेकानंद को एक दिन सपना आता है जिसमें वो एक आमिर आदमी जिसके पास सारी सुख सुविधा होती है और वो एक साधु को भी देखते है जो प्रभु की भगती में लीन होता है। उस दिन यह साधु से बहुत प्रभावित होते है और विवेकानंद भी साधु बन्ने का फ़ेस्ला करते है।

लेकिन इनको कोई दिशा दिखाने वाला नही मिल रहाँ था जिसने भगवान को देखा हो। तो यह एक दिन राम कृष्णा (Ram krishna Paramahamsa) से दक्षिणेश्वर (Dikshineswar) मंदिर में मिलते है।

राम कृष्णा को विवेकानंद सबसे अलग लगते है और यह इन्हें अपना शिष्य बना लेते है और सिर्फ़ इनसे ही अपनी मन की बातों को बताते है। स्वामी विवेकानंद इन्हें अपना गुरु मान लेते है। ऐसा भी माना जाता है की श्री राम कृष्णा भगवान के ही अवतार थे।

इनके चले जाने के बाद विवेकानंद ने 23 साल की उम्र में मठ को सम्भाला और बाक़ी साधुओं को भी पूजा, ध्यान और पढ़ाई का ज्ञान दिया।

विवेकानंद चाहते थे कि बाक़ी साधुओं के पास भी सारी चीज़ों की जानकारी हो इसलिए विवेकानंद इन्हें बाक़ी देशों के राजनीतिक व्यवस्था और इतिहास के बारे के बारे में भी बताते थे। विवेकानंद ने इन्हें प्लांटों, एरिस्टोटल, बुद्धा और बाक़ी प्रशिद्ध इंसानो के बारे में भी बताते थे।

Swami Vivekananda parliament of religion | स्वामी विवेकानंद धर्म की संसद

स्वामी विवेकानंद भारत के कई हिस्सों में गए और समानता की भावना को फैलाया। लेकिन कुछ समय के बाद इन्हें अमेरिका में मौक़ा दिखा की वो वहाँ अपना प्रचार कर सकते है क्योंकि वहाँ धर्मों में भेद भाव नही है।

स्वामी जी ने 1893 में होने वाली धर्म की संसद (Parliament of Religion), जिसमें सारी दुनिया से हर एक धर्म के नेता आने वाले थे। उसमें विवेकानंद भारत की तरफ़ से गए थे और सभी इनके भाषण को सुन कर बहुत प्रसन्न हुए।

विवेकानंद चार साल अमेरिका में भी रहे और अमेरिका के न्यू यॉर्क (New York), बॉस्टन (Boston), वॉशिंटॉन (Washington) आदि शहरों में धर्म का प्रचार किया।

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Swami Vivekananda books | स्वामी विवेकानंद की किताबें

स्वामी जी ने अपने समय में अनेक प्रकार की किताबी लिखी जो आज भी हम सबके लिए बहुत मूल्य वान है। यह किताबे इनके जीवनकाल में प्रकाशित हुई थी।

  • कर्म योग (Karma Yoga )
  • राज योग (Raja Yoga)
  • वेदांत दर्शन (Vedanta Philosophy)
  • कोलंबो से अल्मोड़ा तक व्याख्यान (Lectures from Colombo to Almora )
  • बार्टमन भारती (Bartaman Bharat)
  • मेरे गुरु (My Master)
  • वेदांत दर्शन: ज्ञान योग पर व्याख्यान (Vedânta philosophy: On Jnâna Yoga)
  • ज्ञान योग (Jnana yoga)

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Swami Vivekananda Quotes in Hindi | स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन

“दिल और दिमाग के टकराव में, अपने दिल का अनुसरण करें”

“आपको अंदर से बाहर की ओर बढ़ना है। कोई आपको सिखा नहीं सकता, कोई आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता। आपकी अपनी आत्मा के अलावा कोई दूसरा शिक्षक नहीं है।”

“किसी की निंदा न करें: यदि आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ऐसा करें। यदि तुम नहीं कर सकते, तो अपने हाथ जोड़ो, अपने भाइयों को आशीर्वाद दो, और उन्हें अपने रास्ते जाने दो”

“एक समय में एक काम करो, और इसे करते समय बाकी सब को छोड़कर अपनी पूरी आत्मा को उसमें डाल दो।”

“हम वही काटते हैं जो हम बोते हैं। हम अपने भाग्य के विधाता स्वयं हैं। किसी और का दोष नहीं है, किसी की प्रशंसा नहीं है।”

“अगर मैं अपने अनंत दोषों के बावजूद खुद से प्यार करता हूं, तो मैं कुछ दोषों की झलक में किसी से कैसे नफरत कर सकता हूं।”

“हम जो बोते हैं वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।”

“यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।”

“जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं हैं”

“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।”

“जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो।”

“चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो। स्वामी विवेकानंद के कोट्स”

“किसी का या किसी चीज का इंतजार न करें। आप जो कुछ भी कर सकते हैं वह करें, किसी पर भी अपनी आशा का निर्माण न करें”

“जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।”

FAQ

Was Swami Vivekananda married ?

नहीं। अपने जीवन मे स्वामी जी ने शादी नहीं की वो हमेशा महिलाओ को अपनी माँ समान मानते थे इसलिए उन्होंने कभी शादी नहीं की और अपनी भक्ति मे लिन रहे।

Was Swami Vivekananda enlightened ?

स्वामी विवेकानंद enlighted है यह समाधि मे बहुत-बहुत देर तक चले जाते थे।

Does Swami Vivekananda believe in god?

स्वामी जी भगवान मे विशवास रखते थे और यह भी माना गया है की वो भगवान को देख भी सकते थे।

Did Swami Vivekananda believe in astrology?

स्वामी जी astrology मे विशवास नहीं रखते थे। उनका मानना था की यह सब एक कमजोर व्यक्ति के काम होते है।

Did Swami Vivekananda wrote any book?

स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन मे अनेक किताबे लिखी और इनकी बहुत से किताबे तो इनकी मृत्यु के बाद छापी गई।

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