
हाथ के इशारे और मुद्राएँ जिनके बारे में आज भी काफ़ी लोगों को कुछ नहीं पता हैं। यह वो चीज़ हैं जो किसी को भी सफल एवं बुद्धिमान बना सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर पाँच तत्व से बनकर बना हुआ हैं हवा, आग, पानी, अंतरिक्ष और धरती। इसी तरह हमारी उँगलियाँ भी पाँच होती हैं और हर एक उँगली किसी एक तत्व को दर्शाती हैं। हाथों की यह मुद्रा हमारे शरीर और दिमाग़ की ऊर्जा को सही रास्ता दिखाती हैं। आइए मुद्राओं और उनके लाभों के बारे में जानते हैं।
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उत्तरबोधि मुद्रा

इसे उच्चतम आत्मज्ञान की मुद्रा भी कहा जाता हैं। इसे करने से हमारी भीतरी और बाहरी जागरूकता बड़ती हैं। फोकस एवं ध्यान लगाने की शक्ति में भी बढ़ोतरी होती हैं। इसे करने से हमारे अंदर का डर निकल जाता हैं और हमारे अंदर निर्णय लेने की शक्ति आती हैं। यह हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं।
हाकिनी मुद्रा

हाकिनी हिंदू धर्म में एक देवी का नाम हैं। संस्कृत में इसका मतलब शक्ति या फिर नियम हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस मुद्रा से आप आपने दिमाग़ की शक्ति को अपने क़ाबू में कर सकते हैं। यह मुद्रा हमारी दिमाग़ की शक्ति और याददाश्त को बढ़ाती हैं। इससे करने से हमें जीवन में स्पष्टता मिलती हैं।
ध्यान मुद्रा

इस मुद्रा को करने से हमारी ध्यान लगाने की शक्ति में बढ़ोतरी होती हैं। इससे हमारे दिमाग़ को शांति मिलती हैं और फ़ालतू की चीज़ों या विचारों की तरफ़ हमारा दिमाग़ नहीं भटकता हैं। अगर किसी को गहराई में ध्यान लगाना हैं तो यह मुद्रा उसके लिए हैं।
कुबेर मुद्रा

इस मुद्रा को हर रोज़ दस से पंद्रह मिनट तक करने से हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ता हैं और हमारा दिल भी अच्छे से धड़कता हैं। इससे हमारी याददाश्त और ध्यान लगाने की शक्ति बढ़ती हैं। इस मुद्रा से हमारा दिमाग़ पूरी तरह से खुल जाता हैं।
चिन मुद्रा

यह मुद्रा हमारे स्वस्थ को बढ़ाती हैं और हमारे ब्लड प्रेशर को ठीक रखती हैं। इससे करने से हमारे शरीर के हवा और आग के तत्व मिल जाते हैं और मिलकर हमें ओर भी जागरूक बनाते हैं।
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