गौतम अदाणी की बायोग्राफी | Gautam Adani Biography in Hindi

गौतम अदाणी की बायोग्राफी | Gautam adani biography in hindi
[Image Via FortuneIndia]

गौतम अदाणी की जीवनी, जन्म, परिचय, व्यक्तिगत जीवन, परिवार, विवाह, शिक्षा, कॉमपनिया, रोचक तथ्य, नेट वर्थ| Gautam Adani Biography in Hindi (Birth, Introduction, Family, Education, Companies, Marriage, Interesting facts, Net Worth)

गौतम अदाणी भारत के सबसे अमीर उद्योगपति में से एक हैं। यह अपने लोकोपकारक कामों और बिलियनेर स्टेटस के लिए जाने जाते हैं। 1988 में गौतम ने अड़ानी ग्रुप की स्थापना करी थी। 2022 के अनुसार इनकी नेट वर्थ 12,080 करोड़ डॉलर हैं। आज इनकी कंपनी सभी क्षेत्रों में फैली हुई हैं। गौतम को अपनी यह कामयाबी अपने पिता से नहीं मिली बल्कि गौतम ने शुरू से सब कुछ अपने बल बूते पर किया। तो आइए जानते हैं गौतम अदाणी की बायोग्राफी और इनके फर्श से अर्श तक के सफ़र के बारे में।

Table of Contents

गौतम अदाणी का परिचय (Introduction)

नाम गौतम अदाणी
उपनामगौतम
पेशाउद्योगपति
जाना जाता हैसंस्थापक एवं अध्यक्ष,अदाणी ग्रुप तथा फाउंडेशन

गौतम अदाणी का व्यक्तिगत जीवन (Personal life)

जन्म तिथि/जन्मदिन24 जून 1962
आयु60 (2022 के अनुसार)
जन्म स्थानअहमदाबाद, गुजरात
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरअहमदाबाद
राशिकुंभ
धर्मगुजराती जैन

गौतम अदाणी का परिवार (Family)

गौतम के परिवार में इनके पिता शांतिलाल अदाणी और माता शांताबेन अदाणी हैं। इनके चार भाई और एक बहन भी हैं।

पिता शांतिलाल अदाणी
माता शांताबेन अदाणी
बहनअज्ञात
भाई विनोद अदाणी
महासुख अदाणी
राजेश शांतिलाल अदाणी
वसंत अदाणी

गौतम अदाणी की वैवाहिक स्थिति (Marital Status & More)

गौतम अदाणी ने प्रीति अदाणी से विवाह किया। प्रीति अदाणी एक डेंटिस्ट भी हैं और इन्होंने अदाणी फाउंडेशन को आगे बड़ाया। गौतम और प्रीति के दो बच्चे भी हैं जिनका नाम करण एवं जीत अदाणी हैं।

वैवाहिक स्थितिविवाहित
पत्नीप्रीति अदाणी
बच्चेकरण अदाणी
जीत अदाणी

गौतम अदाणी की शिक्षा योग्यता, स्कूल और कॉलेज (Education Qualification, School & College)

गौतम ने अपनी स्कूल की पढ़ाई शेठ चिमनलाल नगीनदास विद्यालय स्कूल, अहमदाबाद से की हैं। स्कूल की पढ़ाई करने के बाद गौतम ने बैचलर डिग्री कॉमर्स में करने की सोची और गुजरात विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। लेकिन बाद में पैसे ना होने के कारण इन्हें दूसरे साल ही कॉलेज को छोड़ना पड़ा।

शैक्षणिक योग्यताबैचलर डिग्री
स्कूल शेठ चिमनलाल नगीनदास विद्यालय स्कूल
कॉलेज/विश्वविद्यालयगुजरात विश्वविद्यालय

गौतम अदाणी कैसे बने सबसे अमीर व्यक्ति (How Gautam Adani become one of the richest person)

गौतम अदाणी का जन्म 1962 में अहमदाबाद के एक मिडल क्लास जैन परिवार में हुआ था। इनके पिता छोटा मोटा काम करते थे। पैसे ना होने के कारण गौतम को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी और काम की तलाश में कम उम्र में मुम्बई पहुँच गए। मुम्बई में गौतम ने डायमण्ड सप्लायर के यहाँ तीन साल तक काम किया।

3 साल बाद गौतम को समझ आ गया की उन्हें जीवन में क्या करना हैं। इसी दौरान गौतम ने अपना खुद का डायमण्ड ब्रोक्रगे का काम जावेरी बाज़ार में शुरू किया।

लेकिन इनकी किस्मत जब चमकी जब इनके बड़े भाई महासुख अदाणी 1981 में प्लास्टिक कंपनी खरीदते हैं और इन्हें अहमदाबाद बुला लेते हैं। कंपनी को चलाने के लिए प्लास्टिक चाहिये थी और इसी कारण अदाणी ने 1988 में कांडला पोर्ट के जरिए प्लास्टिक इम्पोर्ट करनी शुरू किया।

यही से शुरुआत हुई अदाणी एक्स्पोर्टस की जिसका बाद में नाम अदाणी एंटरप्राइजेज कर दिया गया। धीरे धीरे अदाणी का व्यपार बड़ता चला गया और इन्होंने बाकी क्षेत्रों में भी कदम रखा।

यह लोगों की रसोई तक पहुच गए फॉर्चून ऑइल के जरिए इसके अलावा इन्होंने फूड कॉर्परेशन ऑफ इंडिया के साथ मिलकर अलग अलग राज्यों में फूड साइलो भी बनाए। फूड साइलो कन्टैनर होते हैं जिसमें अनाज को रखा जाता हैं।

गौतम ने आगे चल कर बड़े बड़े राज्यों को बिजली देनी शुरू कर दी लेकिन इतने बड़े प्लांट को चलाने के लिए कोयला की जरूरत थी जिसके लिए गौतम ने 2010 में 12,147 करोड़ में ऑस्ट्रेलिया में कोयला की खदान को खरीद दिया।

2017 में अदाणी ने प्राकृतिक गैस में भी अपना कारोबार शुरू किए और सोलर पैनल बनाने शुरू कर दिए।

2019 में अदाणी ने छह एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण और संचालन अपने हाथों में ले लिए जिसमें अब यह अगले 50 साल तक इन एयरपोर्ट को संभाले गे। दिल्ली एयरपोर्ट के बाद मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट हैं जिसमें अदाणी का 74% हिस्सा हैं।

गौतम अदाणी की कंपनियां (Companies)

इनके पास 7 कंपनी हैं और जिसमें 23,000 से अधिक लोग काम करते हैं।

अदाणी एंटरप्राइजेज
अदाणी ग्रीन एनर्जी
अदाणी पोर्ट्स और SEZ
अदाणी ट्रांसमिशन
अदाणी टोटल गैस
अदाणी पावर
अदाणी विल्मारे

गौतम अदाणी की नेट वर्थ (Net Worth)

2022 के अनुसार गौतम अदाणी की नेट वर्थ 12,870 करोड़ हैं।

नेट वर्थ12,870 करोड़

गौतम अदाणी की जीवनी और कुछ अन्य कम ज्ञात तथ्य (Biography & Some Other Lesser Known Facts)

गौतम अदाणी का साल 1998 में अपहरण भी हो गया था। जिसमें उन्हें बंधक बना लिया गया और फिरौती की मांग करी गई। लेकिन फिरौती लेने के बाद बंधकों ने गौतम को छोड़ दिया।

वर्ष 2008 मुंबई ताज होटल आतंकवादी हमले के दौरान गौतम अदाणी भी ताज होटल में थे लेकिन बाद में सही सलामत इन्हें बचा लिया गया था।

गौतम को साल 2006 में “पोर्ट अथॉरिटी अवार्ड” दिया गया लॉयड के द्वारा सबसे श्रेष्ठ मध्य पूर्व और भारतीय उपमहाद्वीप में बंदरगाह के लिए और 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा “प्रबंधन पुरस्कार में उत्कृष्टता” का पुरस्कार दिया गया।

जुलाई 2022 के अनुसार यह दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं माइक्रोसॉफ्ट के फाउन्डर बिल गेट्स को पीछे छोड़ते हुए।

गौतम लोकोपकारी काम भी करते रहते हैं। 2020 में कोविड 19 से लड़ने के लिए इन्होंने 100 करोड़ पीएम केयर रीलीफ फंड में दिए। इसके अलावा 5 करोड़ गुजरात मुख्यमंत्री के रीलीफ फंड और 1 करोड़ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रीलीफ फंड में दिए।

गौतम अदाणी ने अपने मेहनत के बल बूते पर आज सब कुछ हासिल करा हैं। इनको अपना यह कारोबार अपने पिता से नहीं मिला था बल्कि गौतम ने अपने सूज भुज के बल पर अपने इस कारोबार को खड़ा करा हैं।

अदाणी एंटरप्राइजेज के ऊपर 2021-22 के हिसाब से 41,024 करोड़ का कर्ज भी हैं।

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गौतम अदाणी के बारे में सामान्य प्रशन (FAQ)

गौतम अदाणी की कुल संपत्ति कितनी हैं ?

वर्ष 2022 के अनुसार गौतम की नेट वर्थ 12,870 करोड़ हैं।

गौतम अदाणी की कंपनियां कौन सी हैं?

गौतम अदाणी के पास लग भग 7 कंपनियां हैं जो बंदरगाहों के अलावा बाकी क्षेत्रों में भी फैली हुई हैं।

गौतम अदाणी की प्रति दिन आय कितनी हैं?

2020-2021 के अनुसार गौतम ने प्रति दिन 1000 करोड़ पैसे कमाए हैं। इनका कुछ फिक्स नहीं होता यह ऊपर नीचे होता रहता हैं।

क्या गौतम अदाणी ने बिल गेट्स को पीछे छोड़ा दिया ?

जुलाई 2022 के अनुसार यह दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं माइक्रोसॉफ्ट के फाउन्डर बिल गेट्स को पीछे छोड़ते हुए।

गौतम अदाणी कैसे अमीर हो गए?

गौतम ने अपने ऊपर हमेशा से ही विशवास रखा और सभी काम बहुत ही सोच समझ कर करें। इन्हें अपने व्यपार में कई कठनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन कभी भी हार नहीं मानी।


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